The smart Trick of bhoot wala kahani That No One is Discussing

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छोड़ दे मुझे माफ़ करदे "। मैं हात जोड़कर रोते हुवे उसे कहता रहा और हल्के से उस अनदेखी ताकत ने मेरे शरीर से अपने को हतालिया और फिरसे शरीर हल्का होगया।

महिला की बात सुनकर पहलवान अपने लोहे की छड़ उठाए राजमहल की ओर चल पड़ा। राजमहल के पास पहुंचने पर सभी द्वारपाल और सैनिक मोहन की काया देखकर डर से कांपने लगे और तुरंत राजा तक सूचना पहुंचाई की कोई बलवान हाथ में लोहे की छड़ लिए महल की ओर बढ़ता चला आ रहा है। सूचना पाकर राजा ने तुरंत अपने मुंशी को बुलाया और उसे तत्काल पहलवान के पास जाकर आने का कारण पूछने को कहा।

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यही वो समय होता है जब सांप भी डर के वशीभूत इंसान पर हमला करता है फुफकारता और इंसान को दूर करने का प्रयास करता है। ठिक वैसे ही रूहें भी एकेले इंसान या शांत जगहों पर जहां उनका बसेरा होता है वहां से इंसान को हटाने के लिए अपने होने का आभास कराती हैं। ये रूहें शरीर विहीन होती हैं इसलिए प्रत्‍यक्ष रूप से आपके समाने नहीं आ सकती, लेकिन आस पास के वातावरण में बदलाव करके, अजीब सी खुश्‍बु पैदा कर, हवा का सहारा लेकर वो इंसानों को डराने का प्रयास करती हैं।

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लेकिन एक बार मुम्बई से मेरे कुछ दोस्त बेंगलूर घूमने आए थे।उन्हें मैंने अपनी ही गाड़ी में सुबह बेंगलूर के बहुत से जगहों में घुमाया था और रात को ठहरने अपने रूम लेके आया था। उस रात हम सभी हाल में पीके फिर वही सो गए। लेकिन मेरा एक दोस्त उस आत्मा के रास्ते के बीच सो गया। मैंने उसे वहाँ हर रात होती हुई घटनाओं को समझाया और उसे कहा कि वह वहाँ न सोये लेकिन उसने मेरी बात न मानी। कहने लगा वह वहीं सोयेगा और देखेगा कौनसी भूत आएगी। वह पीके नशे में था। बहुत कहने पर भी वहाँ से नही उठा। वहीं सो गया। फिर हम सब उस तरफ सो गए।

पहलवान मुंशी को खेती के लिए जमीन मांगने की अपनी विनती बताता है। संदेश लेकर राजा के पास पहुंचने पर राजा पहलवान को ढेर सारी जमीन देने का आदेश देता है। मुंशी बेहद चतुर होता है तो वह राजा द्वारा पहलवान को दी गई अधिकांश जमीन स्वयं के लिए रखकर मोहन को कब्रिस्तान के पास एक बंजर जमीन का छोटा सा टुकड़ा दे देता है, जिसे पाकर पहलवान खुशी-खुशी वापस लौट जाता है।

हिंदुओं में गोमांस और मुसलमानों में पोर्क पूरी तरह प्रतिबंध‍ित है। लिहाजा सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया। इसी विद्रोह के दौरान मेजर चार्ल्स बर्टन और उसके दो जुड़वां बेटे कोटा रेजीडेंसी में रहते थे। here *** भवन के सेंट्रल हॉल में हुआ नरसंहार *** सिपाहियों ने विद्रोह की जंग छेड़ दी और ब्रिज भवन को घेर लिया। उस वक्त मेजर बर्टन की सुरक्षा में महज एक ऊंट-चालक था। सिपाहियों के गुस्से को देख मेजर के दोनों बेटे ऊपर के माले पर चले गये और चिल्ला-चिल्ला कर मदद मांगने लगे।

दूसरी बात उसी वक्त की है जब हम कार में रहते थे। गर्मी का मौसम था। हम रात को टेरेस पे या अपने रूम के बाहर सोते थे। हमारे रूमके बायें तरफ सीढ़िया ऊपर जाती थी , कुछ सीढ़ियों के बाद एक बड़ा स्पेस था उसके बाद फिर सीढ़ियाँ ऊपर गुजरातियों के घर के तरफ जाती थी। उस बड़े स्पेस में तुम्हारे अरविंद मामा सोते थे।

भूत : हा हा हा हा हा हा हा हा… और फिर इतने में भूत बंटी को अंदर ले कर चले जाता है

सोनू : अब मैं समझा.! इस कुएं में कोई भी भूत नहीं है.

सोनू : मुझे उस कुए के भूत का पता करना होगा.. और अपने दोस्त बंटी को वापस भी तो लाना है.. मुझे कुछ करना ही होगा..

वहाँ का माहौल अब पूरी तरह से जादू से भरा हुआ था। अचानक, एक विशेष समय पर उस कब्र से एक पुरानी कहानी की आवाज सुनाई दी। कहानी का राज था कि जब वह कब्र बनाई गई थी, तब उसे एक प्राचीन राजा की आत्मा ने आवास दिया था। उस राजा के प्रेम और विशेष कला के क्षेत्र में उनकी महानता के कारण, उसकी आत्मा उस कब्र में सजीव रह गई थी।

अचानक से वह लड़की की भुत बच्चो के सामने आई और जोर जोर से हसने लगी। और कहा की अब तुम सब मेरी बंदी हो, मई किसी को जिन्दा नहीं छोडूंगी।

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